अंबेडकर जयंती पर निबंध
भारत में हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस को हम अंबेडकर जयंती के रूप में मानते हैं। डॉ भीमराव अंबेडकर भारत के महान और विद्वान व्यक्ति थे। इनका भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका है और आजादी के बाद भारत की स्थिति को स्पष्ट करने में इनका विशेष योगदान है। अंबेडकर जयंती को भारत में सार्वजनिक अवकाश रहता है। डॉ भीमराव अंबेडकर दलित और अछूतों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। दलित समुदाय से संबंधित समाज में अंबेडकर जी के द्वारा किए गए अनुकूल परिवर्तनों के लिए आज भी उनका धन्यवाद करते हैं।
जाति व्यवस्था को समाप्त करने और भारत में सभी को एक समान नागरिकता का अधिकार दिलाने के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। डॉ भीमराव अंबेडकर एक महान समाज सुधारक थे। उन्होंने भारत में सामाजिक का सामान्य जाति व्यवस्था को पूर्ण रूप से समाप्त करने में योगदान दिया। वे स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता भी बने। वे कानून राजनीति और अर्थशास्त्र सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट थे। डॉ भीमराव अंबेडकर भारत गणराज्य के प्रमुख नेताओं और विद्वानों में से एक थे। अंबेडकर जी का जन्म मध्य प्रदेश के महू वर्तमान में अंबेडकर नगर में हुआ। बाबा साहब अंबेडकर हिंदू धर्म के निचली जाति में पैदा हुए थे और उन्हें समाज के विशिष्ट वर्ग द्वारा अछूत माना जाता था यद्यपि उन्हें विद्यालय जाने की अनुमति थी परंतु उन्हें स्कूल में सार्वजनिक चीजों को छूने की मनाही थी। कक्षा में शिक्षकों द्वारा उनके ऊपर उचित ध्यान नहीं दिया जाता था और उन्हें सभी बच्चों से अलग कक्ष से बाहर बैठाया जाता था । इस प्रकार के अपमानित व्यवहार ने उन्हें इन निरर्थक विचारधाराओं के खिलाफ लड़ने और अपने अधिकारों को प्राप्त करने की प्रेरणा दी सन 1990 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ओशो और ओबामा जैसे कई प्रभावशाली व्यक्तियों ने डॉक्टर बी आर अंबेडकर के कार्यों और विचारों को आत्मसात किया और उनकी प्रशंसा की है। डॉ अंबेडकर ने जातिवाद की पीड़ा से संघर्ष किया और उन्हें अपने मूल अधिकारों को प्राप्त करने में सफलता भी मिली। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक महान दार्शनिक और महान वक्ता भी थे। वह एक महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे वह अपने आसपास के लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहा करते थे। दलित समुदाय हर साल अंबेडकर जयंती पर उनकी मूर्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं तथा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उन्होंने भारत के पिछड़े दलित वर्ग के सुधार के लिए कई आंदोलन किया। अंबेडकर जयंती हमारे महान राजनीतिक नेता के अच्छे कर्मों को याद तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है।
आज भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के विचार लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है और लोग उनसे आज भी काफी प्रभावित हैं। वे इतनी प्रतिभा के धनी थे । वे हर विधा में पारंगत प्रवीण थे। डॉक्टर अंबेडकर की सबसे बड़ी उपलब्धियां में से एक भारत रत्न है। वह एक वैज्ञानिक समाजशास्त्री स्वतंत्रता सेनानी पत्रकार मानवाधिकार कार्यकर्ता दार्शनिक और विचारक थे। डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक उत्तर की पढ़ाई पूरी की। अंबेडकर दुनिया भर के युवा वकीलों की प्रेरणा है। भारतीय संविधान और कानून में उन्होंने जो योगदान दिया है वह अद्वितीय है।
बचपन में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने बहुत अच्छी शिक्षा प्राप्त की और शिक्षा के बल पर ही उन्होंने एक ऐसा मुकाम हासिल किया जो कि आज तक कोई हासिल नहीं कर पाया है। डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन अपने आप में प्रेरणा स्रोत है कि कैसे कोई व्यक्ति इतने कड़े संघर्षों के बाद भी इतना सफल हो सकता है कि दशकों तक लोग उन्हें याद रख सके।
डॉ भीमराव अंबेडकर का एक प्रमुख कथन बहुत प्रसिद्ध है जो कि निम्न है :-
शिक्षा वह शेरनी का दूध है जिसे जो कोई भी पिएगा वह दहाड़ेगा।
डॉ भीमराव अंबेडकर अपने महान क्रांतिकारी विचारों से विश्व भर में आज भी प्रसिद्ध हैं उनके जीवन के ऊपर आज भी कई शोध किया जा रहे हैं।