दशहरे के त्यौहार को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है । दशहरा आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर माह में होता है। दशहरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है इसी दिन भगवान श्री राम जी ने बुराई के प्रतीक दस सिर वाले राक्षस लंकापति रावण का संहार किया था । भारत विभिन्न संस्कृतियों धार्मिकता और विविधताओं का देश है यहां पर अनगिनत त्यौहार और उत्सव हर साल धूमधाम से मनाए जाते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति वीरता का पूजक और शौर्य का उपासक भी है । भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीकों से विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। प्रभु श्री राम ने दशानन रावण का वध करके असत्य पर सत्य की जीत दिलाई थी। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार होने के कारण भारत के लोगों द्वारा के हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । इस दिन कलाकार राम,सीता और लक्ष्मण का रूप धारण करते हैं और रावण उसके भाई कुंभकरण और पुत्र मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। ये कलाकार आग के तीर से इन पुतलों को मारते हैं जो पटाखे से भरे होते हैं पुतले में आग लगते ही वह धू-धू कर जलने लगता है और इनमें लगे पटाखे फटने लगते हैं और उससे उसका अंत हो जाता है। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन क्षत्रियों के यहां शास्त्र की पूजा तथा वहां की पूजा भी की जाती है।
मेले में तरह-तरह की वस्तुएं जैसे चूड़ियों से लेकर खिलौने की भरमार होती है इसके साथ ही मेले में व्यंजनों की भी भरमार होती है। इस समय रामलीला का भी आयोजन होता है। रामलीला में जगह-जगह रावण वध का प्रदर्शन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। अलग-अलग तरीकों से दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। इसमें कुल्लू जिले का दशहरा , छत्तीसगढ़ के बस्तर का दशहरा बहुत प्रसिद्ध है। छत्तीसगढ़ के बस्तर का दशहरा 75 दिनों तक मनाया जाता है।
दशहरे का त्यौहार हमें बुराई को हराते हुए एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा देता है। साथ ही एकजुट होकर धर्म के लिए लड़ने का भी संदेश देता है।