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दीपावली पर निबंध 100 शब्दों में

दीपावली हिंदुओ का महत्वपूर्ण त्यौहार है । यह कार्तिक माह के अमावस्या के दिन मनाया जाता है ।दीपावली के त्यौहार को “दीपों का त्यौहार ” और “प्रकाश पर्व ” के नाम से भी जाना जाता है । दीपावली का त्यौहार हिंदुओं के लिए बहुत ही आस्था का त्यौहार है । दिवाली शब्द संस्कृत के शब्द दीपावली से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्तियाँ । दीपावली के दिन अमावस्या होता है जिसके कारण घनघोर अंधकार होता है इस घने अंधेरे को दूर करने के लिए पूरे भारत में दिये , मोमबत्तियां और एल ई डी लाइट के द्वारा रोशनी की जाती है । यह बुराई पर अच्छाई के विजय का प्रतीक है क्योंकि इस दिन प्रभु श्री राम अपने 14 वर्ष के वनवास को पूरा करके लंकापति रावण से युद्ध में जीत कर अपनी अयोध्या नगरी वापस लौटे थे । उनके स्वागत में संपूर्ण नगर वासियों ने मिट्टी के दीपक जलाकर स्वागत किया था । तब से यह परंपरा चलते आ रही है । हम प्रतिवर्ष दीपावली का त्यौहार धूमधाम से मनाते है । इसके लिए कई दिनों पूर्व से ही सभी घरों में विभिन्न प्रकार की तैयारियां शुरू हो जाती है ।घरों की साफ सफाई और रंग रोगन का कार्य किया जाता है । माता लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए हर व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार कार्य करता है ।दीपावली का त्यौहार अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आता है । लोग अपने घरों को सुंदर-सुंदर फूलों,चित्रों,दीपकों और बिजली की लाइटों से सजाते है । दीपावली का त्यौहार आस्था के साथ व्यापारिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है।दीपावली का त्यौहार बहुत सारे लोगों की आर्थिक सहायता करता है क्योंकि इस त्यौहार में बहुत से बेरोजगार लोगों को कुछ न कुछ कार्य जरूर मिल जाता है जिससे वे कुछ आय प्राप्त कर अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकते है ।

शुभ दीपावली

दीपावली का प्रथम दिवस धनतेरस है,इस दिन लोग नए बर्तन और आभूषण खरीदते हैं, क्योंकि यह धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करने का प्रतीक है तथा इस दिन औषधि के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है ।इसके बाद द्वितीय दिवस नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है, और फिर मुख्य दीपावली का दिन आता है। इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, ताकि घर में समृद्धि और खुशहाली आए। इसके बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।

दीपावली के दिन घर-आंगन को सुंदर-सुंदर रंगोली से सजाते है । पटाखे से आतिशबाजी की जाती है । माँ लक्ष्मी जी व भगवान गणेश जी पूजा की जाती है । आस-पास मिठाई बांटी जाती है ।

दीपावली के पर्व में हर दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है।वर्तमान में दीपावली के त्यौहार में आधुनिकता के अनुसार कई प्रकार के परिवर्तन आ रहे है परंतु हमें आधुनिकता के बीच हमें इस त्यौहार की पवित्रता,शुद्धता, कीर्ति, और प्रेरणा को भूलना नहीं चाहिए ।

वैसे तो दीपावली वैभवता , सम्पन्नता तथा आध्यात्मिकता का त्यौहार है पर यह एक विरासत को संभालने का भी त्यौहार है । हमें गरीब वर्ग और कमजोर वर्ग की अपनी क्षमता अनुसार सहायता करनी चाहिए तभी यह बात चरितार्थ होगी कि ” खुशियाँ बांटने से बढ़ती है ।”दीपावली का त्यौहार हमें एकता ,शांति की भी सीख देता है।

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