पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के रूप में विश्व विख्यात है । वह एक अद्भुत राजनेता, प्रखर वक्ता और राष्ट्रवादी थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को 1947 में आजादी दिलाई। वे एक राष्ट्रवादी नेता थे जो समाजवादी और गांधीवादी विचारधारा पर अडिग थे।
नेहरू ने शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में भी बहुत कार्य किया और देश को विकास के पथ में आगे लेकर आए। उनके प्रेरणादाई भाषण और लेखन का महत्व आज भी देश के लोगों के दिलों में बसा है उनके नेतृत्व में भारत को एक आधुनिक और विश्व स्तरीय राष्ट्र के रूप में पहचान मिली। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के संगठन में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया और स्वदेशी आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभाई। उन्हें बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है। वे शिक्षा, तकनीकी विज्ञान और तकनीकी विकास के पक्षधर थे और भारत को इन क्षेत्रों में आगे ले जाना चाहते थे।
ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के पश्चात देश की बागडोर पंडित जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनने के बाद मिली। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद के एक धनाढ्य परिवार में हुआ था । इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज के नाम से जाना जाता है।उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था । पंडित जवाहरलाल नेहरू एक संपन्न परिवार से संबंधित थे इसलिए उन्हें विश्व की बेहतरीन शिक्षा प्राप्त हुई। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्कूली शिक्षा हैरो और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन से प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पूर्ण की थी।स्कूली और कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1912 में उन्होंने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की।
पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी जी से बहुत प्रभावित थे । पंडित जवाहर लाल नेहरू के पास के समक्ष देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए कठिन चुनौती थी । जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को व्यापक रूप से संपूर्ण देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू का विवाह कमला नेहरू से हुआ था। उन्होंने पश्चिम के विरोध में पश्चिमी कपड़े पहनना बंद कर दिया था इसके बजाय उन्होंने जो जैकेट पहनी थी उसे नेहरू जैकेट के नाम से जाना जाने लगा वह बच्चों के साथ गुलाब की कली से प्रतिस्पर्धा करते थे और अपनी जैकेट में गुलाब रखा करते थे।
उन्हें 1950 से 1955 तक कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था । उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा कुल 11 बार नामांकित किया गया था । उन्होंने भारत और विश्व पर दो पुस्तकें डिस्कवरी ऑफ इंडिया और ग्लिम्पस ऑफ द वर्ल्ड लिखी। दोनों पुस्तकें भारत के साथ-साथ दुनिया के बारे में उनके विशाल ज्ञान को उजागर करती है। विश्व इतिहास की झलक वास्तव में 146 पत्रों का संग्रह है जो उन्होंने अपनी इकलौती बेटी इंदिरा गांधी को लिखे थे। 26 साल की उम्र में नेहरू की शादी कमला कौल नाम की 16 साल की कश्मीरी ब्राह्मण लड़की से हुई थी। उनके पिता पुरानी दिल्ली के एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे । उनकी शादी 7 फरवरी 1916 को हुई थी। तपेदिक के कारण 28 फरवरी 1936 को स्विट्जरलैंड में उनकी मृत्यु हो गई थी। पंडित नेहरू की चार बार हत्या की कोशिश की गई पहली बार 1947 में विभाजन के दौरान,दूसरी बार 1955 में एक रिक्शा चालक द्वारा तीसरी बार 1956 में और चौथी बार 1961 में मुंबई में। 27 में 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें अपने साथ सुरक्षा गार्ड ले जाना पसंद नहीं था क्योंकि इससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती थी।
पंडित जवाहर लाल नेहरू को देश की बागडोर बहुत ही कठिन परिस्थितियों में मिली थी इन परिस्थितियों में किसी देश को शिक्षा विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे लेकर जाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी । राष्ट्रवादी और देश प्रेमी होने के कारण पंडित जवाहर लाल नेहरू ने यह काम बहुत ही अच्छे तरीके से किया । उन्होंने देश को रीढ़ प्रदान करने के लिए भारत के विभिन्न स्थान में भारी उद्योग और लोहा उद्योग की नींव रखी । मैं जो आज शीर्ष के लोह इस्पात संयंत्र हैं वे सभी पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की देन है । भारत ने जो आज यह अविश्वसनीय प्रगति की है उसके वास्तविक स्वप्न दृष्टा और आधार प्रदान करने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ही है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को छोटे बच्चों से अत्यधिक स्नेहा था इस कारण से सभी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू भी बुलाते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य किए। उनकी पुत्री इंदिरा गांधी भी आगे जाकर भारत देश की प्रधानमंत्री बनी और उन्होंने भी देश की बागडोर अपने पिता की भांति ही बहुत अच्छे से संभाली। देश निर्माण के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का स्थान देश में हमेशा अग्रणी रहेगा और इतिहास में इनका नाम हमेशा स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा । स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान के फलस्वरूप पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम भारतीय इतिहास में सदैव अमर रहेगा।
हमेशा पूछे जाने वाले प्रश्न
1.पं.जवाहर लाल नेहरू का जन्म कहाँ हुआ था ?
उत्तर :- पं.जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद(प्रयागराज) उ.प्र. में हुआ था ।
2.पं.जवाहर लाल नेहरू के माता-पिता का क्या नाम था ?
उत्तर :- पं.जवाहर लाल नेहरू के पिता जी का नाम मोती लाल नेहरू तथा माता जी का नाम स्वरूप रानी नेहरू था ।
3.जवाहर लाल नेहरू भारत के कौन से क्रम के प्रधानमंत्री थे?
उत्तर:- जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।
4.पं.जवाहर लाल नेहरू को प्यार से बच्चे क्या कहकर पुकारते थे ?
उत्तर:-पं.जवाहर लाल नेहरू को प्यार से बच्चे चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे ।
5.नेहरू जी को कौन सा फूल बहुत प्रिय था ?
उत्तर:-नेहरू जी को गुलाब का पुष्प बहुत प्रिय था ।